एक सुखद आश्वस्ति- यतीन्द्र मिश्र

वृद्ध होना
दरअसल ईख का पकना है
बूंद-बूंद बटोरा गया अनुभव
जड़ से कलगी तक भिन जाता जीवन-रस में।

यतीन्द्र मिश्र हिन्दी के लिए एक सुखद आश्वस्ति की तरह हैं. उनके रचनाकर्म का फलक …

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