एक सुखद आश्वस्ति- यतीन्द्र मिश्र

वृद्ध होना
दरअसल ईख का पकना है
बूंद-बूंद बटोरा गया अनुभव
जड़ से कलगी तक भिन जाता जीवन-रस में।

यतीन्द्र मिश्र हिन्दी के लिए एक सुखद आश्वस्ति की तरह हैं. उनके रचनाकर्म का फलक …

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कहेंगे लोग कि बेकल कबीर जैसा था- बेकल उत्साही

“छिड़ेगी दैरो हरम में ये बहस मेरे बाद,
कहेंगे लोग कि बेकल कबीर जैसा था”

पद्मश्री बेकल उत्साही वर्तमान समय के सबसे वरिष्ठ और लोकप्रिय कवियों में एक हैं. खड़ी बोली, अवधी …

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