मेरा धन है स्वाधीन क़लम – मुद्राराक्षस
“लिखता हूँ अपनी मर्ज़ी से
बचता हूँ कैंची-दर्ज़ी से
आदत न रही कुछ लिखने की
निंदा-वंदन खुदगर्ज़ी से
कोई छेड़े तो तन जाती
बन जाती है संगीन क़लम
मेरा धन है स्वाधीन क़लम”
साहित्य, संस्कृति, समाज और …
“लिखता हूँ अपनी मर्ज़ी से
बचता हूँ कैंची-दर्ज़ी से
आदत न रही कुछ लिखने की
निंदा-वंदन खुदगर्ज़ी से
कोई छेड़े तो तन जाती
बन जाती है संगीन क़लम
मेरा धन है स्वाधीन क़लम”
साहित्य, संस्कृति, समाज और …
Abhi Rehnede Kuch Din Lutf-e Naghma Masti-e Sehba,
Abhi Yeh Saaz Rehne De Abhi Yeh Jaam Rehne De ! – Majaz
Dr. Sehba Ali is a scholar in languages and a distinguished …
“If there’s a book you really want to read but it hasn’t been written yet, then you must write it”. – Toni Morrison
If you are in Lucknow then you need …
“Kare Shukr-e Nemat Jitni Woh Kam Hai,
Maze Loo’tti Hai Zabaan Kaise Kaise! ”
Lucknow Ke Dastarkhwaan Ko Jisne Sabse Zyada Maqbooliyat Di Hai Woh Hai ‘Kabab’ Aur Usme Sar-e Fehrist Hai …